Mumbai. निश्चित रूप से 4G के आने से हैंडहेल्ड डिवाइसेज का परफॉर्मेंस बेहतर और तेज हुआ है, लेकिन अगर 5G की बात करें तो न केवल यह फास्ट होगा, बल्कि यह चिप वाले सभी डिवाइसेज को हर समय नेटवर्क से जोड़े रखेगा। 5G नेटवर्क में आपका स्मार्टफोन, टैबलेट, टेलिविजन, होम सिक्यॉरिटी सिस्टम, रेफ्रिजरेटर, कार आदि सब चीजें जुड़ी रह सकती हैं। अगर डाउनलोड स्पीड के मामले में 4G और 5G की तुलना करें तो जहां 4G की डाउनलोड स्पीड 1Gb/S है। वहीं, 5G की डाउनलोड स्पीड 20Gb/S होगी। यह 4G के मुताबिक, 20 गुना ज्यादा है। यह इतना तेज है कि आप एक HD मूवी महज 40 सेकंड में डाउनलोड कर पाएंगे।
आजकल सड़कों पर बड़े हादसे हो रहे हैं। इसको ध्यान में रखते हुए ड्राइवरलेस कारों और फिक्स्ड इंफ्रास्ट्रक्चर के बीच डेटा साझा करने के बाद गाड़ियों के बीच होने वाली टक्करों को बचाया जा सकता है। 5जी के आने से इसका उपयोग हर एक फील्ड में हो पाएगा, जैसे मोबाइल टेक्नोलॉजी वियरेबल डिवाइसेज को सपॉर्ट करेगी, जिससे मरीजों को मॉनिटर करने के साथ हाई-डेफिनिशन विडियो के चलते ऑनलाइन कंसल्टेशन संभव होगा। गेमिंग के अलावा, टेलिमेडिसिन, एजुकेशन और मैन्युफैक्चरिंग जैसे दूसरे सेगमेंट में वर्चुअल रियल्टी और एग्युमेंटेड रियल्टी का इस्तेमाल हो सकेगा। इसके चलते हर एक क्षेत्र में बढ़ौतरी होगी।
इतने सब फायदे होने से आप अब समझ सकते हैं कि जिस देश में पहले यह 5G मोबाइल टेक्नॉलजी आएगी, उसे कितने अधिक आर्थिक फायदे होंगे। इसी को लेकर अमेरिका और चीन में जंग चल रही है। यह लड़ाई काफी लंबे समय से चलती आ रही है, पहले हुवावे को लेकर और अब 5G को लेकर है। अमेरिका में इस साल 5G का पहला डेप्लॉयमेंट अभी चल रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 तक चीन की टेलिकॉम कंपनियों का 5G का कंबाइंड स्पेंड 45.3 अरब डॉलर पहुंच जाएगा। जापान में 2020 में 5G की कमर्शियल शुरुआत हो सकती है।