New Delhi. 51 फीसदी है मल्टी-ब्रांड खुदरा में एफडीआई की अनुमति, जिस पर हम कायम हैं देश के धन को विदेशी निवेश के रूप में वापस लाने पर गंभीर है, सरकार गड़बड़ी में शामिल लोगों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई उद्योग जगत में आए दिन बड़े व्यापारी कहीं सरकार तो कहीं बैंकों को चूना लगा रहे हैं। जीएसटी से लेकर लोन मामले में कारोबारियों पर आरोप लगता रहता है। इसके साथ ही निवेशकों को परेशान करने की शिकायतें आती रहती हैं। लेकिन कानून के साथ मनमानी करने वाले लोगों की अब खैर नहीं होगी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने चेतावनी देते हुए कहा कि उद्योग जगत के लोग कानून का उल्लंघन करने से बचें। यदि काननू का किसी भी तरह से उल्लंघन किया गया तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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गोयल ने कहा कि देश के धन को विदेशी निवेश के रूप में वापस लाने जैसी हरकतों को बहुत गंभीरता से लेती है। उन्होंने सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) के सदस्यों से भी वार्ता की। उन्होंने इस बात को लेकर आश्वस्त किया, जिसने किसी भी तरह का गलत काम नहीं किया उसे परेशानी नहीं होगी। जो भी गड़बड़ियां करते या शामिल पाया गया उसके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। वार्ता के दौरान वकीलों और चारों बड़े वैश्विक कर वित्तीय परामर्श कंपनियों पीडब्ल्यूसी, डेलॉय, केपीएमजी और ईएंडवाई को निवेशकों को भ्रमित नहीं करने का सलाह दिया।
वाणिजय मंत्री ने कहा कि हर कंपनियों को कानून का पालन और सम्मान भली भांति करना चाहिए। मल्टी-ब्रांड खुदरा में हमारी नीति के साथ ही मात्र 51 फीसदी एफडीआई की अनुमति है। इस बात पर भी हम कायम हैं। ऐसे में वह यही कहना चाहेंगे कि सभी इसका सम्मान करें। विनिर्माण क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए डीपीआईआईटी को कहा कि 50 क्षेत्रों की पहचान करने के साथ ही उस पर तेजी से काम करना शुरू कर दें। उद्योग और निर्यातक सरकारी सब्सिडी पर बहुत अधिक निर्भर रहने का काम बंद कर दें। ज्यादा से ज्यादा प्रतिस्पर्धा और गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा पर ध्यान दिया जाए।
उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स से संबंधित मुद्दों व अंतर-मंत्रालयी समन्वय सुनिश्चित करने को लेकर उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिवों का एक सूमह भी गठित किया गया है। यह अहम जानकारी उन्होंने लिखित राज्यसभा में भी दी। राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति का जो भी मसौदा तैयार किया गया है, उसको जल्द ही सार्वजनिक क्षेत्रों के बीच भी रखा जएगा। यह बुनियादी ढांचा विकास, बाजार के लिए स्थान, नियामक मुद्दों, घरेलू डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने का काम करेगा। साथ ही ई-कॉमर्स के जरिए निर्यात प्रोत्साहन के मुद्दों पर भी बल देने का काम करेगी।