Lucknow. गांधी परिवार की सुरक्षा हटाए जाने का मामला एक बार फिर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा उठाया गया। मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरु होने के बाद कांग्रेस सांसद ने सवाल किया कि आखिर केंद्र सरकार ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी की सुरक्षा किन कारणों से वापस ली इसका जवाब देना चाहिए। अधीर रंजन ने अपने सवाल के दौरान पूर्व की वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार का हवाला भी दिया। जिसके बाद विरोध में कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया।
अधीर रंजन ने कहा कि, "सोनिया गांधी, राहुल गांधी सामान्य लोग नहीं हैं, जिन्हें सुरक्षा मिली हुई है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने भी SPG को गांधी परिवार की सुरक्षा में रहने दिया था, 1991 से 2019 तक NDA दो बार सत्ता में आई है लेकिन कभी भी SPG सुरक्षा को हटाया नहीं गया है।" जिस दौरान अधीर रंजन इस सवाल को लोकसभा में रख रहे थे उस समय स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि यह मामला अभी लिस्ट में नहीं है। लिहाजा ऐसे में इस मसले को सदन में उठाया न जाए।
गौरतलब है कि हालही में केंद्र सरकार की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की एसपीजी सुरक्षा हटाने का फैसला लिया गया था। गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा को गृह मंत्रालय की सुरक्षा समीक्षा कमेटी की बैठक के बाद हटाने का फैसला लिया गया था। दरअसल कमेटी ने सिफारिश की थी कि गांधी परिवार के सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा के बजाय सीआरपीएफ की जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी जाए।
क्या होती है एसपीजी सुरक्षा
एसपीजी देश में सबसे ऊंचे स्तर की सुरक्षा होती है। विशेष सुरक्षा दल एसपीजी 2 जून 1988 को भारत की संसद के एक अधिनियम द्वारा बनाया गया था। जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। यह विशेष सुरक्षाबलों में से एक है जिसमें जवानों का चयन पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स से किया जाता है। यह बल गृह मंत्रालय के आधीन रहता है। एसपीजी के जवानों पास फुली ऑटोमेटिक एफएएफ 2000 असॉल्ट राइफल होती है। इसी के साथ इन कमांडोज के पास ग्लोक 17 नाम की एक पिस्टल भी रहती है। कमांडो अपनी सुरक्षा के लिए लाइट वेट बुलेटप्रूफ जैकेट पहनते हैं। एसपीजी के जवान आंखों पर चश्मा भी पहनते हैं जो हमले के वक्त उनकी ऑखों को बचाता है। सबसे अहम बात यह है कि एसपीजी एक हमलावर फोर्स नहीं बल्कि रक्षात्मक फोर्स है।
क्या होती है जेड प्लस सुरक्षा
जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा में 36 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। इसमें 10 एनएसजी और एसपीजी कमांडो हेत हैं जबकि अन्य जवान पुलिस दल के होते हैं। सुरक्षा के पहले घेरे की जिम्मेदारी एनएसजी की होती है जबकि दूसरी लेयर एसपीजी के अधिकारियों की होती है। इसके अलावा आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान भी इस सुरक्षा में तैनात होते हैं।