Lucknow. प्रकृति हमारे जीवन का सबसे अभिन्न अंग है, यदि प्रकृति को बचाकर नहीं रखा गया तो वो दिन दूर नहीं जब यह दुनिया समाप्ति की कगार पर होगी। इसलिए हर साल 2 दिसंबर को पूरी दुनिया में 'राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस' मनाया जाता है।
इसे मनाने का उद्देश्य है, औद्योगिक आपदा से बचने और उसे रोकने के लिए जागरूकता फैलाना, साथ ही हवा, पानी और मिट्टी को प्रदूषित होने से बचाना और उनमें होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए अलग-अलग तरीके से समाज में लोगों को जागरुक करना।
इसलिए 2 दिसंबर को 'राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस' के रूप में समर्पित किया जाता है। इस दिन को उन लोगों की याद में और उनके सम्मान में भी मनाया जाता है जिन्होंने भोपाल गैस त्रासदी में अपनी जान गंवा दी थी।
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1. भोपाल गैस त्रासदी वर्ष 1984 में 2 और 3 दिसंबर की रात को हुई थी।
2. भोपाल में स्थित यूनियन कार्बाइड के रासायनिक संयंत्र से 'मिथाइल आइसोसाइनेट' नाम का जहरीला रसायन व साथ ही अन्य रसायनों का रिसाव हुआ था, जिस कारण से लाखों लोगों की जानें गई थी।
3. एक रिपोर्ट के अनुसार 5 लाख से अधिक लोगों की इस जहरीली गैस के रिसाव के कारण मृत्यु हो गयी थी।
4. कई लोगों ने गैस त्रासदी से संबंधित बीमारियों के कारण कुछ दिनों व महीनों बाद अपनी जाने गंवा दी।
5. भोपाल गैस त्रासदी को पूरे विश्व के इतिहास की सबसे बड़ी औद्योगिक प्रदूषण आपदा के रुप में जाना गया है।